
बेहतर रिटर्न की उम्मीद में घरेलू शेयर बाजारों में निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। डीमैट खातों की संख्या में तेज बढ़ोतरी इसकी तस्दीक कर रही है। एसबीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले 10 साल में नए डीमैट खातों की संख्या में 39 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2014 में देश में 10 लाख डीमैट खाते खुले थे, जिनकी संख्या अक्तूबर, 2024 तक बढ़कर रिकॉर्ड 3.91 करोड़ पहुंच गई। उम्मीद है कि इस साल नए डीमैट खातों की संख्या चार करोड़ के पार निकल जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कैलेंडर वर्ष 2021 से हर साल करीब तीन करोड़ डीमैट खाते खुल रहे हैं। इसका मतलब है कि हर साल बड़ी संख्या में निवेशक शेयर बाजार में शामिल हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 तक देश में कुल डीमैट खातों की संख्या 15 करोड़ के पार पहुंच गई, जिनकी संख्या 2013-14 में 2.20 करोड़ थी। इनमें एनएसई के निवेशकों की संख्या 9.2 करोड़ है। चालू वित्त वर्ष में अब तक डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 17.76 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई है।
एनएसई की बाजार पूंजी 6 गुना बढ़ी
बाजार में निवेशकों की बढ़ती संख्या के कारण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की बाजार पूंजी वित्त वर्ष 2013-14 के बाद से छह गुना से अधिक बढ़ी है। 2013-24 में एनएसई की बाजार पूंजी 73,000 करोड़ रुपये थी, जो 2024-25 में अब तक बढ़कर 441 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई।