
रायपुर। छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (CREDA) के सभाकक्ष में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सीईओ राजेश सिंह राणा ने “सुशासन तिहार 2025” के तहत प्राप्त आवेदनों एवं शिकायतों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को तत्परता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ सभी प्रकरणों के निस्तारण के स्पष्ट निर्देश दिए।
बैठक में समस्त जिला एवं जोनल कार्यालयों के अधिकारी व तकनीकी विशेषज्ञ वर्चुअल एवं भौतिक रूप से उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में क्रेडा द्वारा संचालित योजनाओं विशेषतः जल जीवन मिशन, सौर सुजला योजना तथा अन्य सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं की प्रभावशीलता एवं निरंतरता सुनिश्चित करना था।
जल जीवन मिशन: कार्यशीलता की समीक्षा और ठोस निर्देश
बैठक की शुरुआत में जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्थापित सोलर संयंत्रों की ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। सीईओ श्री राणा ने संयंत्रों की वास्तविक स्थिति, कार्यशीलता प्रतिशत, वारंटी की स्थिति, मरम्मत संबंधी प्रक्रियाओं एवं सामग्रियों की उपलब्धता पर बिंदुवार चर्चा की।
उन्होंने अधिकारियों से कहा –
“जनता को निर्बाध पेयजल आपूर्ति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संयंत्रों की कार्यशीलता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’’
उन्होंने निर्देश दिए कि:
वारंटी अवधि में यदि स्थापना एजेंसी मरम्मत नहीं करती है तो सुरक्षा निधि से तुरंत मरम्मत कराई जाए। वारंटी के बाहर संयंत्रों की मरम्मत के लिए जिला प्रशासन से समन्वय कर आवश्यक फंडिंग सुनिश्चित की जाए। मरम्मत की स्थिति, लागत, फोटो दस्तावेज सहित रिपोर्टिंग डिजिटल माध्यम से प्रधान कार्यालय को भेजी जाए।
सामग्रियों की आपूर्ति और संयंत्र पुनः क्रियान्वयन पर विशेष बल
क्रेडा द्वारा पूर्व में पंप, कंट्रोलर, सोलर मॉड्यूल, केबल आदि उपकरणों की आपूर्ति हेतु कार्यादेश निर्गत किए गए थे। श्री राणा ने पूछा कि ये सामग्री कितनी मात्रा में प्राप्त हुई, कहाँ-कहाँ भेजी गई, और संयंत्रों में इसे स्थापित करने की प्रगति क्या है।
उन्होंने कहा:
“सभी सामग्रियों को 5 दिनों के भीतर संयंत्रों में स्थापित कर उन्हें कार्यशील बनाना अनिवार्य है। यह कार्यदक्षता का मानक बनेगा।”
जिन जिलों में सामग्री स्थापित नहीं हुई, वहाँ की समीक्षा अलग से की जाएगी और उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
सौर सुजला योजना के संयंत्रों की कार्यशीलता पर गहन मंथन
बैठक में सौर सुजला योजना के अंतर्गत स्थापित सोलर पंप संयंत्रों की भी समीक्षा की गई। यह योजना राज्य के कृषि क्षेत्र में किसानों को सिंचाई सुविधा देने के लिए महत्वपूर्ण है। श्री राणा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि: अकार्यशील संयंत्रों को प्राथमिकता से चिन्हित कर शीघ्र दुरुस्त किया जाए। किसानों की शिकायतों का समयबद्ध निराकरण किया जाए।
सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों और शिकायतों पर विस्तृत रिपोर्टिंग
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के मार्गदर्शन में आयोजित “सुशासन तिहार 2025” के दौरान क्रेडा को 40,000 से अधिक आवेदन और शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें प्रमुखता से विभिन्न प्रकार के संयत्रों की स्थापना संबधी माँग एवं संयंत्रों की कार्यशीलता, पानी की आपूर्ति, तकनीकी खामियाँ, एवं सामग्री की कमी से संबंधित विषय थे। श्री राणा ने सभी जिला अधिकारियों से एक-एक प्रकरण की स्थिति की जानकारी ली और निर्देशित किया कि:
हर आवेदन का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित हो। समस्त जानकारी 9 जून 2025 तक प्रधान कार्यालय को रिपोर्ट के रूप में प्रेषित की जाए।
गुणवत्ता, पारदर्शिता और प्रभावशील सेवा की दिशा में मजबूत कदम
बैठक के अंत में श्री राणा ने कहा कि “क्रेडा न केवल संयंत्र स्थापित करने वाली संस्था है, बल्कि यह जिम्मेदारी से संचालन और रखरखाव के लिए भी प्रतिबद्ध है। हमारी सोच केवल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, सेवा की निरंतरता और जनविश्वास की स्थापना है।”
उन्होंने प्रदेश भर के अधिकारियों को जनकल्याण में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सुशासन तिहार सिर्फ एक अभियान नहीं बल्कि जनभागीदारी और जवाबदेही का प्रतीक है. इस उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक ने न केवल राज्य में संचालित योजनाओं की मौजूदा स्थिति को उजागर किया, बल्कि प्रशासन की तत्परता और सजगता को भी दर्शाया। क्रेडा प्रदेश को ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में लगातार आगे ले जा रहा है, जहाँ हर गांव, हर घर तक साफ, सुलभ और सतत ऊर्जा पहुँचाना लक्ष्य है।