Featureछत्तीसगढ़

एससी-एसटी के नव उद्यमियों को आगे बढ़ने के लिए डिक्की बना सशक्त माध्यम

छत्तीसगढ़ में सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों  के फलस्वरूप कृषि के साथ-साथ उद्योग-धंधों के लिए भी एससी-एसटी सहित सभी वर्गों के लिए अनुकूल वातावरण पूरे प्रदेश में बना हुआ है। यही वजह है कि अब तक प्रदेश में लगभग साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री साय ने रायपुर में आयोजित डॉ. आंबेडकर बिजनेस कॉन्क्लेव एवं एक्सिलेंस अवॉर्ड्स समारोह में कही। उन्होंने दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव को नव उद्यमियों को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया एवं छत्तीसगढ़ में आयोजन के लिए बधाई दी।

इस दौरान श्री साय ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के नव उद्यमियों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया। कॉन्क्लेव में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लगभग 800 से अधिक नव उद्यमियों ने हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने यहां नई औद्योगिक नीति को अपनाया है, जिसे बहुत परिश्रम से हमारी सरकार ने तैयार कर प्रदेश में उद्योग के क्षेत्र में नई संभावनाओं को पंख देने का कार्य किया है। इसके तहत देश के बड़े मेट्रो शहरों में इंडस्ट्रियल समिट का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत इतने कम समय में ही 5.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त हुआ है। अकेले पावर सेक्टर में ही 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। हमारी औद्योगिक नीति का ही परिणाम है कि आज रायपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा सेंटर सहित सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों की स्थापना हो रही है।

श्री साय ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को उद्यमिता के क्षेत्र में बढ़ावा देने से ही देश विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर होगा। हमें आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करना है, जिसके लिए हमें उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ना ही होगा।

इस अवसर पर दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) के फाउंडर चेयरमैन पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले ने वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 360 डिग्री अप्रोच वाली योजना की आवश्यकता बताई, जिससे उद्यमिता के क्षेत्र में बढ़ रहे अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को उद्योग से संबंधित उच्चस्तरीय प्रबंधन, टेक्नोलॉजी, वित्तीय प्रबंधन, सब्सिडी, मार्केट लिंकेज तथा मार्केटिंग जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों की त्वरित जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। इस दौरान उन्होंने डिक्की के उद्देश्यों के बारे में भी विस्तार से जानकारी साझा की।

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