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प्रभु की आराधना करने से मिलती है मन को शांति, बड़ी समस्या भी टल जाती हैः साध्वी हंसकीर्ति श्रीजी

रायपुर। दादाबाड़ी में आत्मोत्थान चातुर्मास 2025 के अंतर्गत चल रहे प्रवचन श्रृंखला के दौरान सोमवार को परम पूज्य हंसकीर्ति श्रीजी म.सा. ने कहा कि प्रभु की सच्चे मन से आराधना करने से मन को शांति मिलती है और जीवन में संतुलन बना रहता है। जो व्यक्ति प्रभु से जुड़ते हैं, उनके जीवन में बड़ी कठिनाइयां नहीं आतीं। जब किसी के जीवन में परेशानियाँ आती हैं- जैसे व्यापार में घाटा, बीमारी, आगजनी या कोई अन्य संकट, तो लोग अक्सर इसे पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम मानते हैं। वे सोचते हैं कि हमने तो धर्म किया, फिर हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है?

सोचिए, अगर आप ज्यादा तेल-मसाले वाला खाना खा लें और आपकी तबीयत बिगड़ जाए, तो डॉक्टर आपसे पूछता है आपने क्या खाया था। जैसे ही आप बताते हैं, वह कारण समझ जाता है। ठीक वैसे ही, जब हम कुछ गलत करते हैं, तो उसका असर भी हमें ही झेलना पड़ता है, लेकिन हम उसे “पूर्व जन्म का फल” कहकर टाल देते हैं।

एक उदाहरण से समझिए कि अगर आप श्वान को पत्थर मारें, तो वह पत्थर पर भौंकता है, लेकिन अगर किसी ने शेर को तीर मारा, तो शेर तीर छोड़कर सीधा उस शिकारी की ओर दौड़ता है। इस उदाहरण से सोचिए कि हम किस स्तर की सोच रख रहे हैं, श्वान जैसी या शेर जैसी?

कभी-कभी कोई बड़ी घटना हो जाती है, जैसे किसी व्यक्ति की हत्या हो जाती है और उसका बेटा गुस्से में आकर हत्यारे को मार देता है। जब उससे कोर्ट में पूछा जाता है तो वह कहता है कि उसने मेरे पिता की हत्या की थी, तो मैंने उसकी हत्या कर दी। लेकिन यहां वह युवक दो अपराध कर बैठा, एक तो हत्या का और दूसरा कोर्ट का अपमान करने का, क्योंकि सजा देना अदालत का काम है, न कि व्यक्ति का।

धर्म भी यही कहता है कि अपराध की सजा देने का अधिकार धर्मसत्ता को है। अगर आप खुद ही सजा देने लगेंगे, तो आप भी अपराधी बन जाएंगे। जीवन में कोई संकट आए, बीमारी हो, घर में कलह हो या कोई आपकी बात न माने तो धैर्य बनाए रखें। मन को स्थिर रखें और संयम के साथ परिस्थिति का सामना करें।

श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय कुमार भंसाली, आत्मोत्थान चातुर्मास समिति 2025 के अध्यक्ष अमित मुणोत ने बताया कि दादाबाड़ी में सुबह 8.45 से 9.45 बजे साध्वीजी का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है कि जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

दादा गुरुदेव की 27 दिवसीय इकतीसा जाप का हुआ शुभारंभ, लाभार्थी परिवारों ने लिया धर्म लाभ

दादा गुरुदेव की कृपा से 14 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक प्रतिदिन रात्रि 8 से 10 बजे तक चलने वाली 27 दिवसीय इकतीसा जाप आज आरंभ हुई।

दादा गुरूदेव की प्रतिमा और कलश का लाभ सुमीत कांकरिया परिवार को मिला। वहीं, तोरण का लाभ पानी बाई आसकरण भंसाली परिवार और अखंड दीपक का लाभ जसराज जी सुशील कुमार जी कोचर परिवार को मिला।

आज प्रवचन स्थल से गाजे-बाजे के साथ लाभार्थी परिवार दादा गुरूदेव की प्रतिमा, कलश और तोरण मंदिर तक लेकर मुख्य मंदिर तक गए और परम पूज्य श्री हंसकीर्ति श्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावन निश्रा में मंत्रोच्चार के साथ विधिवत स्थापित किया।

10 अगस्त रविवार को समापन के अवसर पर दादा गुरुदेव की विशेष बड़ी पूजा एवं रात्रि भक्ति कार्यक्रम आयोजित होगा। यह अवसर भक्ति, ध्यान और आत्मिक उत्थान का प्रतीक होगा।

10 अगस्त रविवार को समापन अवसर पर दादा गुरुदेव की विशेष बड़ी पूजा एवं रात्रि भक्ति कार्यक्रम आयोजित होगा। यह अवसर भक्ति, ध्यान और आत्मिक उत्थान का प्रतीक होगा।

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