
रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय की IEEE छात्र शाखा ने हैदराबाद स्थित गीतांजलि कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (GCET) एवं नई दिल्ली स्थित न्यू दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (NDIM) के सहयोग से तीसरा अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन कम्युनिकेशन एंड कंप्यूटिंग 2025 का आयोजन 25 से 27 जुलाई 2025 के बीच सफलतापूर्वक किया। यह सम्मेलन भारत सरकार के अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (ANRF) द्वारा प्रायोजित तथा IEEE मध्यप्रदेश सेक्शन द्वारा तकनीकी रूप से सह-प्रायोजित रहा।
यह सम्मेलन कम्युनिकेशन, इंजीनियरिंग, कंप्यूटिंग और तकनीकी क्षेत्र के उभरते एवं नवीनतम विषयों पर केंद्रित रहा। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में प्रभावी रणनीतियों का विकास करना और उन्हें बुद्धिमान प्रणालियों में एकीकृत करना था।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और छात्रों के लिए एक साझा मंच प्रदान करना था, जहाँ वे वर्तमान रुझानों और रणनीतिक विकासों पर अपने अनुभव और ज्ञान साझा कर सकें।
मुख्य अतिथि डॉ. जी.एस. तोमर, चेयरपर्सन, IEEE मध्यप्रदेश सेक्शन ने IEEE की समावेशी प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी पेशे या पद का व्यक्ति समुदाय में सक्रिय रूप से योगदान कर सकता है। उन्होंने सम्मेलनों की कार्यशालाओं या सेमिनारों की तुलना में तेजी से शोध प्रसार और प्रकाशन के दृष्टिकोण से महत्ता बताई। साथ ही उन्होंने इंजीनियरिंग शिक्षा में प्रयोगात्मक और प्रयोगशाला आधारित कौशल पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया और छात्र स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना की।
विशिष्ट अतिथि डॉ. सेलिया शाहनाज़, चेयर, IEEE वुमन इन इंजीनियरिंग कमेटी (2023–24) एवं आर. हरीशचंद्र रेड्डी, वाइस चेयरमैन, GCET हैदराबाद ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे सभी सत्रों में सक्रिय भागीदारी करें और ज्ञान-साझाकरण मंच से अधिकतम लाभ प्राप्त करें।
डॉ. संदीप गांधी, रजिस्ट्रार, कलिंगा विश्वविद्यालय, नया रायपुर ने कहा कि यह तीन दिवसीय सम्मेलन प्रतिभागियों को कम्युनिकेशन और कंप्यूटिंग के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम नवाचारों से अवगत कराएगा। उन्होंने तकनीकी विकास की यात्रा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से जोड़ते हुए रेखांकित किया।
मुख्य वक्ता हैदर अली खान, सीईओ, गोडावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स प्रा. लि. ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक ज्ञानवर्धक सत्र प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने उनके तकनीकी विकास, पर्यावरणीय प्रभाव और सतत् परिवहन के लिए सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला। अन्य मुख्य वक्ताओं में श्री साई कृष्ण गुंडा, स्वतंत्र शोधकर्ता एवं सॉफ्टवेयर इंजीनियर (यूएसए), शामिल थे, जिन्होंने साइबर सुरक्षा पर ऑनलाइन सत्र प्रस्तुत किया। इसके अलावा, श्री राकेश चार्ला, वरिष्ठ सॉफ्टवेयर इंजीनियर – क्लाउड प्लेटफॉर्म्स एवं सॉल्यूशंस, सुरक्षा एवं डेटा: एआई/एमएल (यूएसए), ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर ऑनलाइन सत्र प्रस्तुत किया।
डॉ. विजया लक्ष्मी बिरादार, निदेशक, IQAC; IEEE छात्र शाखा काउंसलर एवं सम्मेलन की जनरल चेयर ने सम्मेलन का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर 2300+ शोध-पत्र प्राप्त हुए, जिन्हें 29+ ट्रैक्स में विभाजित किया गया, और प्रत्येक ट्रैक में 8 से अधिक सत्र आयोजित किए गए। 400+ समीक्षकों द्वारा किए गए कठोर मूल्यांकन के पश्चात लगभग 218 उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्रों का चयन किया गया। इस आयोजन में 35+ सत्र अध्यक्ष एवं 35+ सत्र समन्वयक शामिल रहे। सम्मेलन में कम्युनिकेशन, कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, IoT एवं क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे विषयों को समाहित किया गया।
कलिंगा विश्वविद्यालय में आयोजित तीसरा अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन कम्युनिकेशन एंड कंप्यूटिंग 2025 पूर्णतः सफल रहा। इसने इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र में गुणवत्ता अनुसंधान, नवाचार एवं शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देकर एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। कलिंगा विश्वविद्यालय तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता की दिशा में निरंतर अग्रसर है।