
आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। चार दिन तक चलने वाला यह पर्व 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूरा होगा।
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पहले दिन नहाय-खाय की परंपरा निभाई जाती है। श्रद्धालु नदी, तालाब या घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान कर व्रत का संकल्प लेते हैं। इसके बाद साफ-सफाई कर भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है।
इस दिन लौका-भात यानी लौकी और चावल का सात्विक भोजन बनाया जाता है। इसमें सेंधा नमक का उपयोग होता है और प्याज-लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता।
आने वाले दिनों में खरना, संध्या अर्घ्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व संपन्न होगा।





