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कलेक्टर के निर्देश पर दुर्घटनाग्रस्त पशुओं को इलाज की मिल रही सुविधा, सुरक्षित स्थान में रखने की अपील

कलेक्टर के निर्देश पर दुर्घटनाग्रस्त पशुओं को इलाज की मिल रही सुविधा, सुरक्षित स्थान में रखने की अपील

24 घंटे मिल रही एबुलेंस की सुविधा, जागरूक करने के निर्देश

रायपुर। राजधानी और आउटर के मार्गाें में विचरण करने वाले पशुओं को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थान में रखने की अपील की जा रही है। कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह के निर्देश पर दुर्घटनाग्रस्त पशुओं को त्वरित सहायता व इलाज की सुविधा मिल रही है। जिले में 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही पशुओं को खुले में नहीं छोड़ने के प्रति जागरूक भी करने के निर्देश दिए है।
पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक शंकर लाल उइके ने बताया कि जिले मे 22 पशु चिकित्सालय एवं एक चल चिकित्सा इकाई संचालित है। सभी संस्था प्रभारियों को निर्देश दिए गए है कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही तत्काल घटनास्थल पर पहुंच कर उपचार किया जाएं एवं चल चिकित्सा इकाई जिनके पास एंबुलेंस की सुविधा है, उसे 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश है। साथ ही पूरे माह के कार्य की मासिक समीक्षा की जाती है। उन्होंने बताया कि पशुपालकों को घर में रखने की सलाह देते है। समय-समय में शिविर एवं संगोष्ठी का आयोजन कर पशुओं को खुले में न छोड़ने की सलाह देते है।
रात्रि पहर मंे लावारिस पशुओं के दुर्घटना एवं अन्य आकस्मिक सेवा के लिए राहगीरो से सूचना मिलने पर पशु चिकित्सा विभाग का मैदानीय अमला तत्काल घटनास्थल पर पहुंच कर चिकित्सकीय सेवा प्रदान करते है। साथ ही साथ गाभिन गायांे मे प्रसव एवं बच्चा फंसने जैसी गंभीर एवं आकस्मिक सेवाओं के लिए मैदानी अमलो को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिये गए है।
पशुपालकों को पशु मृत्यु से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाना उद्देश्य है। इसलिए वर्ष 2023-24 में 2004 एवं वर्ष 2024-25 में अब तक 637 दुर्घटनाग्रस्त पशुओं का इलाज कर बचाया गया है।

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