
रायपुर। राजधानी स्थित एस.एम.सी हार्ट इंस्टिट्यूट एवं आई.वी.एफ रिसर्च सेंटर में चिकित्सकों ने एक बार फिर उन्नत चिकित्सा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। यहां 74 वर्षीय साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के मरीज का अत्यंत जटिल हृदय उपचार सफलतापूर्वक किया गया।
मरीज लंबे समय से सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की समस्या से जूझ रहे थे। एंजियोग्राफी जांच में हृदय की तीनों धमनियों में चर्बी और कठोर कैल्शियम का जमाव पाया गया। इसी कारण अन्य अस्पतालों में उन्हें बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई थी।
हालांकि, एस.एम.सी हार्ट इंस्टिट्यूट रायपुर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने गैर-शल्य पद्धति अपनाने का निर्णय लिया। 15 दिनों के अंतराल में दो चरणों में रोटेशनल एथेरेक्टॉमी (Rotational Atherectomy) की गई। इस तकनीक में डायमंड-टिप्ड बर (Burr) युक्त मशीन से धमनियों में जमे कठोर कैल्शियम को घिसकर हटाया गया। इसके बाद कटिंग बैलून से अतिरिक्त कैल्शियम को काटा गया और अंत में स्टेंट प्रत्यारोपित कर रक्त प्रवाह को सामान्य किया गया।
उपचार के बाद मरीज की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब उन्हें न तो सीने में दर्द है और न ही सांस लेने में परेशानी। वे अपनी दैनिक दिनचर्या सामान्य रूप से जारी रख रहे हैं।
एस.एम.सी हार्ट इंस्टिट्यूट एवं आई.वी.एफ रिसर्च सेंटर रायपुर में इस तरह के जटिल हृदय रोगों का उच्च-स्तरीय, आधुनिक एवं व्यवस्थित उपचार उपलब्ध है। साथ ही यहां SECL के मरीजों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा भी प्रदान की जाती है।