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डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ से शेयर बाजार में बड़ा असर, कई शेयरों में बिकवाली

दिल्ली। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 302 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,314 और निफ्टी 90 अंक या 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 23,241 पर था।

ट्रंप द्वारा बुधवार को करीब 180 देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है। भारत पर 26 प्रतिशत, चीन पर 34 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत और यूरोपीय यूनियन पर 20 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है।

मुख्य सूचकांकों में गिरावट के बाद भी व्यापक बाजार का रुझान सकारात्मक बना हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर1,547 शेयर हरे निशान में और 810 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 80 अंक या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,972 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 42 अंक या 0.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 16,204 पर था।

सेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, फिन सर्विस, एफएमसीजी, मेटल, मीडिया और एनर्जी इंडेक्स में बिकवाली देखी जा रही है। वहीं, फार्मा और पीएसयू इंडेक्स में हरे निशान में कारोबार हो रहा है।

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में इंफोसिस, एचसीएल टेक, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एमएंडएम, भारती एयरटेल, रिलायंस, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स थे। सन फार्मा, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे।

पीएल कैपिटल – प्रभुदास लीलाधर में एडवाइजरी प्रमुख, विक्रम कसात ने कहा कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति की यह नीतियां जारी रहीं, तो अमेरिका के साथ वैश्विक स्तर पर मंदी आने का खतरा है।

उन्होंने आगे कहा कि इन टैरिफ से कनाडा और मैक्सिको को कोई नुकसान नहीं हुआ है, जबकि एशिया में, विशेष रूप से चीन और वियतनाम को भारी नुकसान हुआ है। यूरोपीय संघ और जापान कहीं बीच में हैं। बस यही उम्मीद है – कोई भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा क्योंकि अगर आप जवाबी कार्रवाई करेंगे, तो तनाव बढ़ेगा।

अमेरिकी टैरिफ के कारण एशिया के ज्यादातर बाजारों में बड़ी बिकवाली देखने को मिली। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे। अमेरिकी बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुए।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2 अप्रैल को लगातार तीसरे सत्र के लिए अपनी बिकवाली का सिलसिला जारी रखा, जिसमें 1,538 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) लगातार चौथे दिन शुद्ध खरीदार बने रहे, जिन्होंने 2,800 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

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