Featureछत्तीसगढ़

स्वशासी सोसायटी के कार्यों के बेहतर संपादन के लिए ई संपादन पोर्टल का किया शुभारंभ

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रयासों से चिकित्सा शिक्षा संचालनालय अंतर्गत सभी 10 चिकित्सा महाविद्यालयों में अलग-अलग समय पर एवं अलग-अलग नियमावली से गठित स्वशासी सोसायटी का एकीकरण किया गया है तथा उसमें व्यापक सुधार किया गया है । जिसके अंतर्गत स्वशासी सोसायटी को पहले से अधिक वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकार दिये गये तथा प्रबंध कार्यकारिणी समिति, वित्त समिति के गठन का प्रावधान कर सभी को वित्तीय अधिकार प्रदान किया गया है।

स्वशासी सोसायटी के कार्यों के बेहतर संपादन के लिए एक वेब पोर्टल विकसित किया गया है ताकि पारदर्शिता के साथ त्वरित कार्यवाही हो सके। साथ ही यह सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मॉनिटरिंग का कार्य भी कर सके।

ई-पोर्टल “स्वशासी सोसायटी ई-संपादन पोर्टल” के द्वारा स्वशासी पोर्टल ऑनलाईन ही अपने एजेंडा बना सकेंगे तथा बैठक की सूचना भी दे सकेंगे। बैठक होने के उपरांत लिये गये निर्णय की एन्ट्री कर कार्यवाही विवरण भी बना सकेंगे। स्वशासी सोसायटी ई-संपादन पोर्टल एजेंडा निर्माण, कार्यवाही विवरण बनाये जाने के साथ ही सारे एजेंडा को एक यूनिक आई.डी. प्रदान करेगा । यह आई.डी. उस एजेंडा के भुगतान से जुड़ा रहेगा जिससे उसमें होने वाले वित्तीय भार अथवा भुगतान में दोहराव नहीं होगा तथा भुगतान में भी पारदर्शिता रहेगी।
सी.एस.आर. मद अंतर्गत आई.सी.आई.सी.आई. बैंक द्वारा यह पोर्टल निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।

स्वशासी सोसायटी में लिये गये निर्णय / खरीदी के दस्तावेज एवं फोटोग्राफ भी इसमें अपलोड किये जायेंगे। जिसमें डाटालॉक के बाद परिवर्तन किया जाना संभव नहीं रहेगा। डाटालॉक उपरांत भुगतान भी इसी पोर्टल के माध्यम से किये जायेगा जो बैंक के पेमेंट गेटवे से जुड़ा रहेगा।

स्वशासी सोसायटी के ई-संपादन पोर्टल द्वारा स्वशासी सोसायटी को होने वाले आय-व्यय की भी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही किस मद में कितनी राशि व्यय की गयी है, की भी जानकारी तुरंत प्राप्त हो सकेगी। पूर्व की बैठकों में लिये गये निर्णयों में कितने में कार्यवाही की गयी है की भी जानकारी रहेगी।

स्वशासी सोसायटी ई-संपादन पोर्टल द्वारा स्वशासी सोसायटी के कार्यों एवं भुगतान में पारदर्शिता आयेगी। जिससे जनहित के कार्यों में तीव्रता से निर्णय लिये जा सकेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button