
नगरनार। एम एन वी एस प्रभाकर कार्यकारी निदेशक ने एनएमडीसी स्टील लिमिटेड (NSL) के एकीकृत स्टील प्लांट के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। श्री प्रभाकर ने पदभार ग्रहण करने पर कहा, “एनएसएल, नगानार की गतिशील टीम का नेतृत्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इस टीम ने अपने कमीशनिंग के बाद बहुत कम समय में कई कीर्तिमान स्थापित किए है। मैं स्टील प्लांट के सभी हितधारकों से, आंतरिक और बाहरी दोनी, समर्थन की आशा करता हूं ताकि हम सामूहिक रूप से इस स्टील स्वंट की न केवल बस्तर या छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के गौरव के रूप में पहचान सके ।
श्री प्रभाकर की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत के सबसे युवा स्टील प्लांट ने हॉट रोल्ड कॉइन्स (एयआर कॉइन्स) बाजार में अपनी विशिष्ठ जगह बनाई है और हॉट मेटल उत्पादन में 3 मिलियन टन आंकडे के तरफ तेजी से बढ़ते हुए जल्द ही आर्थिक रूप से ब्रेक ईवन करने के प्रयास में लगा है। एक अनुभवी टेक्नोकेट प्रभाकर, बी.टेक. (मेटलजी) और मानव संसाधन एवं विपणन में एमबीए हैं। एनएमडीसी स्टील प्लांट की जिम्मेदारी संभालने से पहले यह सेल के राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) में मुख्य महाप्रबंधक (प्रभारी सर्विसेस) के पद पर पदस्थ थे। अपने 34 वर्षों से अधिक के सेवाकाल में श्री प्रभाकर आरएसपी में परिचालन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्री के प्रभारी रहे हैं, जिसमें उन्होंने संगठन के उद्द्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। वह ब्लास्ट फर्नेस टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक रहे हैं और आरएसपी की ब्लास्ट फर्नेस नंबर 5 (दुर्गा) के स्थिरीकरण में भी उनकी विशेष भूमिका रही है। उसी तरह वह आरएसपी की डीकार्बोनाइजेशन पहल में अग्रणी रहे हैं। कच्चे माल के प्रबंधन और तैयार माल के परिवहन को सुधारू बनाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह ‘समन्वय’ नामक टीम के अग्रणी सदस्यों में से थे, जिसके माध्यम से आरएसपी में काम करने वाले ठेकेदारी के मुद्दों को हल करने में बड़ी मदद मिली।
प्रभाकर की नगरनार स्थित एनएसएल के एकीकृत इस्पात संयंत्र के प्रमुख के रूप में नियुक्ति से इस नवोदित इस्पात संयंत्र के लिए अधिक स्थिरता और तीव विकास के युग की शुरुआत होने की उम्मीद है, क्योंकि उन्हें इस्पात उत्पादन के विभिन्न पहलुओं का व्यापक अनुभव है।