
जगदलपुर। बस्तर ज़िले से गुजरने वाली किरंदुल-कोत्तावालसा (केके) रेललाइन पर बुधवार दोपहर एक बड़ा रेल हादसा हुआ। दोपहर 1:05 बजे चिमड़ीपल्ली और टायदा रेलवे स्टेशनों के बीच एक मालगाड़ी के 37 डिब्बे सुरंग के भीतर पटरी से उतर गए। हादसा उस वक्त हुआ जब लौह अयस्क से लदी मालगाड़ी किरंदुल से विशाखापत्तनम की ओर जा रही थी।
सुरंग के भीतर हादसा, डिब्बे नष्ट, भारी नुकसान
सुरंग के अंदर हुई इस दुर्घटना में दर्जनों डिब्बों के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही है। रेलवे को इस घटना से करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान है। यह रेलखंड देश की सबसे कठिन और खतरनाक ब्रॉडगेज लाइनों में गिना जाता है, जो सर्पाकार अंतागिरी पर्वत श्रृंखला से होकर गुजरता है। पहले से संवेदनशील माने जाने वाले इस ट्रैक पर यह हादसा गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
रेल सेवाएं ठप, कई ट्रेनें रद्द और डायवर्ट
हादसे के कारण विशाखापत्तनम-किरंदुल नाइट एक्सप्रेस को रायगढ़ा होकर डायवर्ट किया गया है। वहीं कई पैसेंजर और मालगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
रद्द की गई ट्रेनें:
28 मई: विशाखापत्तनम-किरंदुल एक्सप्रेस (18515) रद्द
29 मई: विशाखापत्तनम-किरंदुल पैसेंजर (58501) रद्द
29 मई: किरंदुल-विशाखापत्तनम पैसेंजर (58502) रद्द
28 मई: किरंदुल-विशाखापत्तनम नाइट एक्सप्रेस (18516) कोरापुट-विजयनगरम होकर भेजी गई
राहत कार्य युद्धस्तर पर, आधा दर्जन राहत ट्रेनें मौके पर
हादसे की सूचना मिलते ही विशाखापत्तनम रेल मंडल के डीआरएम, एडीआरएम सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। पांच एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेनें, एक मानसून रिलीफ ट्रेन और भारी क्रेनों को तुरंत घटनास्थल पर रवाना किया गया। हालांकि शाम 5 बजे तक मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका था।
घटनास्थल पर पहुंचीं राहत ट्रेनें:
एमएफडी ट्रेन – अरकू से
एमआरटी – एसकोटा से
एआरटी – कोरापुट और विशाखापत्तनम से
क्रेन रेल – विशाखापत्तनम से
यात्रियों को सलाह
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें और यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति जांच लें। विशाखापत्तनम मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक संदीप ने बताया कि यह हादसा कोरापुट-कोत्तावालसा सेक्शन के किमी नंबर 53/34 पर हुआ है। राहत और बहाली कार्य पूरी निगरानी के साथ जारी है।
तेजी से बहाली की कोशिश
वरिष्ठ रेलवे अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद हैं और मरम्मत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। यह लाइन मुख्यतः मालगाड़ियों के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन कुछ यात्री ट्रेनें भी इससे प्रभावित हुई हैं जिन्हें वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है।
देश की सबसे संवेदनशील रेललाइन में से एक पर हुआ यह हादसा एक बार फिर सुरक्षा मानकों और ट्रैक निरीक्षण की गंभीरता को लेकर सवाल खड़े करता है। फिलहाल रेलवे पूरी ताकत से बहाली में जुटा है, लेकिन तब तक यात्रियों और औद्योगिक ट्रांसपोर्ट दोनों पर असर जारी रहेगा।