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हरित ऊर्जा के लिए प्रतिबद्ध बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए मध्यप्रदेश बन रहा है आकर्षण का केन्द्र : मुख्यमंत्री यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा के प्रमुख केन्द्र के रूप में उभर रहा है। हरित ऊर्जा के लिए प्रतिबद्ध बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए मध्यप्रदेश आकर्षण का केन्द्र बन रहा है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियां यहां अपनी निर्माण इकाइयां स्थापित करने की इच्छुक हैं। उद्योगों के साथ कृषकों और जनसामान्य को सौर ऊर्जा व अन्य वैकल्पिक स्त्रोतों से किफायती दर पर विद्युत उपलब्ध कराने की दिशा में हो रहे शोध और नवाचारों को राज्य सरकार हरसंभव सहयोग और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेक्का क्लाइमेट फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट श्री क्ले स्ट्रेंजर और सुश्री सीमा पॉल, यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफोर्निया बर्कले के इंडिया एनर्जी एंड क्लाइमेट सेंटर (आईईसीसी) के सीनियर एडवाइजर श्री मोहित भार्गव से मंत्रालय में हुई सौजन्य भेंट के दौरान यह बात कही। बैठक में सहयोग के उद्देश्यों पर चर्चा के साथ स्वच्छ एवं सतत् भविष्य के लिये साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।

अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया कि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले के सहयोग से नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट), भोपाल के बीच एमओयू हुआ है। इसके अंतर्गत मैनिट में गुरुवार को ‘सेंटर फॉर मिशन ऑन एनर्जी ट्रांजिशन’ (सीएमइटी) का शुभारंभ हुआ। यह केन्द्र भारत की भविष्य की ऊर्जा आवश्यकता के क्षेत्र में कार्य करेगा और अकादमिक-नीतिगत और औद्योगिक आवश्यकताओं के दृष्टिगत आवश्यक सुझाव एवं रणनीतियां निर्धारित करने में सहयोग देगा। मैनिट भोपाल के निदेशक श्री के.के. शुक्ला ने कहा कि कैलेफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले एवं ग्लोबल पार्टर्नर Sequoia Climate Fondation के सहयोग से प्रारंभ केन्द्र भारत में ऊर्जा परिवर्तन को गति देने के लिये अकादमिक नीति निर्माण तथा औद्योगिक क्षेत्रों के बीच उत्कृष्ट सहयोग को दर्शाती है। कार्यक्रम में ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी संस्थाएं जीआईज़ेड, सीईईडब्ल्यू, डब्ल्यूआरआई, सीएसआईएस और शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

ऊर्जा परिवर्तन मिशन केन्द्र (CMET) के प्रारंभ होने से स्वच्छ एवं नवकरणीय ऊर्जा प्रणालियों पर उन्नत शोध किया जा सकेगा। नीति निर्माताओं को डेटा आधारित सुझाव एवं समाधान उपलब्ध कराये जा सकेंगे। ग्रिड स्थिरता, ऊर्जा भंडारण और डिमांड साइड प्रबंधन के लिए नवाचारों का विकास किया जा सकेगा। साथ ही प्रशिक्षण कार्यशालाओं और वैश्विक ज्ञान विनिमय के माध्यम से क्षमता निर्माण करने में भी मदद मिलेगी।

प्रबंध निदेशक मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड श्री अमन बीर सिंह बैंस ने बताया कि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और मैनिट के हुये एमओयू से मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा सकेगा।

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