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मध्यप्रदेश को बनायें वन्यप्राणियों के लिए आदर्श स्थली

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि थलीय जीवों की तरह जलीय जीवों के संरक्षण और उनके प्रबंधन के लिए भी विशेष प्रयास किए जाएं और आवश्यकता हो, तो इस कार्य के लिए पृथक अधिकारी नियुक्त किया जाए। यह अधिकारी जलीय जीवों की गिनती करें और उनका प्रबंधन भी करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को मंत्रालय में मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 29 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।

दो कंजर्वेशन रिजर्व की स्थापना को मिली मंजूरी

बैठक में मुख्यमंत्री एवं राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. यादव ने बोर्ड के दो बड़े प्रस्तावों को सर्व सहमति से पारित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैतूल जिले में ताप्ती कंजर्वेशन रिजर्व के गठन को मंजूरी दी। इसके तहत बैतूल जिले के अंतर्गत दक्षिण बैतूल सामान्य वन मंडल के ताप्ती परिक्षेत्र का 84.006 वर्ग किमी, पश्चिम बैतूल सामान्य वन मंडल के चिचौली परिक्षेत्र का 65.205 वर्ग किमी, एवं तावड़ी परिक्षेत्र का 100.789 वर्ग किमी क्षेत्र, यानि कुल 250.00 वर्ग किमी वन क्षेत्र में ताप्ती कंजर्वेशन रिजर्व का गठन किया जाएगा।

इसी प्रकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बालाघाट जिले के सोनेवानी वन क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इसके अंतर्गत बालाघाट जिले में 163.195 वर्ग किमी सोनेवानी आरक्षित वन क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित कर नए कंजर्वेशन रिजर्व के गठन को मंजूरी दी गई। दोनों की अधिसूचना भी जल्द ही जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोन घड़ियाल अभ्यारण्य में सीधी जिले के मुर्दाडीह-तरिहा से सोनतीर पटेहरा पहुंचमार्ग में सोननदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण संभाग, रीवा को वन्य जीव अनुमति दी। इसी प्रकार बफर जोन वन मंडल, कान्हा टाइगर रिजर्व, मण्डला के अंतर्गत ग्राम धमनगांव तहसील-बिछिया में वन कक्ष क्रमांक 324 में कुल 0.95 हेक्टेयर वनभूमि पर एक अस्थायी पुलिस केंप की स्थापना के लिए एसपी मण्डला को वन्य जीव अनुमति दी गई। मुख्यमंत्री ने बोर्ड द्वारा प्रस्तावित अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा प्रदेश को सभी वन्य प्राणियों के लिए एक आदर्श स्थली के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि जैव विविधिता के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार से भी तकनीकी मार्गदर्शन एवं मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश की समृद्ध वन्य संपदा की रक्षा और संवर्धन के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने केंद्र सरकार से मार्गदर्शन लेकर वन्य जीवों की आगामी पुनर्वास/पुनर्स्थापन योजनाओं को भी अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।

हाथियों का करें स्थायी प्रबंधन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिये कि प्रदेश के रिहायशी इलाकों में जंगली हाथियों की आमद और इनके उन्मुक्त आवागमन/आचरण पर अंकुश लगाएं। नई तकनीकों का इस्तेमाल करें जिनसे हाथियों की रिहायशी इलाकों तक पहुंच को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार व्यवस्थाएं कर जंगली हाथियों का स्थायी प्रबंधन करें ताकि इन्हें आबादी क्षेत्र से दूर रखा जा सके।

इंदौर का प्रयोग भोपाल में भी करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर के चिड़िया घर में नभचर और थलचर प्राणियों का जिस तरह से प्रबंधन किया गया है वैसा ही सद्प्रयास भोपाल में भी किया जाएं। यहां वन विहार में जलीय प्राणियों सहित नए वन्य प्राणियों को बसाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जलीय जीवों में मगरमच्छ को नर्मदा में बसाया जाए। घड़ियालों की संख्या भी बढ़ाई जाए। बताया गया कि पन्ना नेशनल पार्क में घड़ियाल छोड़ने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गिद्धों और चीलों के संवर्धन के भी निर्देश दिए। बताया गया कि वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण्य) में अब कुल 20 बाघ हो गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती विविध वन्य प्राणियों का अपना घर है और उनका पुनर्वास और संरक्षण केवल राज्य की ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संपदा की रक्षा का कार्य है। बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की वन नीति को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए।

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