
दिल्ली। भारत और बोत्सवाना के बीच वन्यजीव संरक्षण सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए, बोत्सवाना ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ के अगले चरण के तहत औपचारिक रूप से भारत को आठ चीते सौंपे हैं। यह ऐतिहासिक अवसर उस समय आया जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपनी पहली राजकीय यात्रा पर बोत्सवाना में हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु और बोत्सवाना के राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको ने गैबोरोन स्थित **मोकोलोडी नेचर रिजर्व** में आयोजित एक विशेष समारोह में इन चीतों को क्वारंटाइन सेंटर में छोड़े जाने का साक्षी बने। राष्ट्रपति के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट से साझा संदेश में कहा गया, “भारत-बोत्सवाना वन्यजीव संरक्षण साझेदारी में एक नया अध्याय जुड़ा है। यह कार्यक्रम बोत्सवाना की ओर से भारत को आठ चीतों के उपहार स्वरूप हस्तांतरण का प्रतीक है।”
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ये सभी आठ चीते बोत्सवाना के **घांजी क्षेत्र** से पकड़े गए हैं। राष्ट्रपति मुर्मु और राष्ट्रपति बोको की मौजूदगी में विशेषज्ञों ने इन चीतों को क्वारंटाइन सेंटर में स्थानांतरित किया, जिसके बाद उन्हें भारत लाया जाएगा।
गैबोरोन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, “मुझे बताया गया है कि बोत्सवाना में लगभग 10 हजार भारतीय नागरिक व्यापार, उद्योग और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय हैं। आप सभी भारत के गौरवशाली राजदूत हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत और बोत्सवाना **2026 में अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ** मनाने जा रहे हैं, जो दोनों देशों की दोस्ती का प्रमाण है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने आगे कहा कि भारत और बोत्सवाना न केवल **डायमंड सेक्टर** में बल्कि **प्रौद्योगिकी, रक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी** जैसे नए क्षेत्रों में भी सहयोग को मजबूत कर रहे हैं।
यह साझेदारी ‘प्रोजेक्ट चीता’ को एक नई गति देने के साथ-साथ भारत-बोत्सवाना के बीच पर्यावरणीय और रणनीतिक संबंधों को और गहरा बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।





