Featureछत्तीसगढ़

गोंदिया स्टेशन में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को नई रफ्तार

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत गोंदिया स्टेशन में रेलवे परिचालन को आधुनिक और अधिक कुशल बनाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है । राजनांदगांव – कलमना तीसरी रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत गोंदिया स्टेशन किए जा रहे यार्ड रिमॉडलिंग कार्यों ने रेल नेटवर्क को मजबूती देने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है ।

राजनांदगांव–कलमना तीसरी लाइन परियोजना

राजनांदगांव–कलमना तीसरी लाइन परियोजना की लंबाई 228 किलोमीटर है एवं यह परियोजना ₹3544 करोड़ की लागत से विकसित की जा रही है । इस परियोजना में 193 किलोमीटर तीसरी लाइन जुड़ चुके हैं । यह परियोजना ट्रेनों की समयबद्धता और संचालन क्षमता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी लाएगी ।

गोंदिया यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के लिए 23 अप्रैल से 6 मई 2025 तक गोंदिया यार्ड में विस्तृत तकनीकी कार्यों की योजना बनाई गई है, जिसमें 14 दिनों का प्री-नॉन इंटरलॉकिंग/ नॉन इंटरलॉकिंग कार्य शामिल है । यह कार्य गोंदिया स्टेशन को एक आधुनिक, मल्टी-डायरेक्शनल इंटरचेंज स्टेशन के रूप में विकसित करेगा ।

रिमॉडलिंग के पश्चात गोंदिया यार्ड में कुल 10 रेल लाइनें और 505 रूट होंगे, जिससे यह चार दिशाओं-दुर्ग, नागपुर, जबलपुर और बल्हारशाह के लिए गोंदिया स्टेशन प्रमुख जंक्शन बन जाएगा । यहां पुरानी ‘रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई)’ प्रणाली को अत्याधुनिक ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ में बदला जा रहा है । यह न केवल संचालन की विश्वसनीयता बढ़ाएगा, बल्कि गोंदिया को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सम्पन्न बड़े स्टेशनों में भी शामिल करेगा ।

इस रिमॉडलिंग कार्य के अंतर्गत: 8 पुराने पॉइंट्स को हटाया गया और 16 नए पॉइंट्स जोड़े गए, 1400 मीटर ट्रैक को बदला गया, 44 ओएचई मास्ट और 4 पोर्टल हटाए गए, तथा 55 नए मास्ट व 5 पोर्टल लगाए गए । 3.5 कि.मी. ओएचई प्रणाली को अपग्रेड किया गया व लाइन नंबर 9 और 10 के ट्रामवे ओएचई का भी संशोधन हुआ । इसके अलावा, गोंदिया-बिरसौला सेक्शन की यांत्रिक इंटरलॉकिंग को इलेक्ट्रॉनिक पैनल आधारित प्रणाली में बदला गया है, और गुदमा-गंगाझरी के बीच 24 किलोमीटर की द्वि-दिशात्मक ऑटो सिग्नलिंग प्रणाली भी स्थापित की जा रही है ।

इस कार्य में कुल 425 श्रमिक, 25 पर्यवेक्षक, 20 इंजीनियर और 12 वरिष्ठ अधिकारी दिन रात लगे हैं । टी-28, यूनीमैट, सीएसएम जैसी आधुनिक मशीनों के साथ जेसीबी, हाइड्रा व ट्रैक्टर आदि मशीनों की सहायता भी कार्यो में ली जा रही है ।

इस परियोजना के अपेक्षित लाभ:

• इस परियोजना के पूर्ण होने से गुदमा-गोंदिया-गंगाझरी सेक्शन में 24 किमी की तीसरी लाइन चालू हो जाएगी, जिससे ट्रेनों की निर्बाध परिचालन सुनिश्चित होगी ।

• गोंदिया आरओआर (रेल ओवर रेल) के चालू हो जाने से जबलपुर से आने वाली ट्रेनें बल्हारशाह दिशा में बिना किसी सतही क्रॉसिंग के जा सकेंगी । इससे प्रमुख मार्गों पर ट्रेनों की समयबद्धता में वृद्धि होगी ।

• हावड़ा-मुंबई मेन लाइन पर स्थित गोंडिया स्टेशन की क्षमता में वृद्धि होगी तथा इस सेक्शन में ट्रेन परिचालन में गतिशीलता आएगी । साथ ही संरक्षा में भी वृद्धि होगी ।

• इसके अतिरिक्त, गोंदिया माल गोदाम की लाइन संख्या 10 को लंबा किया गया है, जिससे पूरा रैक एक बार में लोड या अनलोड किया जा सकेगा ।

• इस परियोजना का लाभ इस अंचल के यात्रियों तथा व्यापार को भी मिलेगा ।

यह परियोजना न केवल एक तकनीकी सुधार, बल्कि गोंदिया को एक रणनीतिक रेलवे केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम है । इसके पूर्ण होते ही रेलवे नेटवर्क को गति, संरक्षा और निर्बाध रेल परिचालन में भी बड़ा लाभ मिलेगा ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button