
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ 5 कड़े फैसले लेने के बाद अब आज गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने पहुंचे. यह उच्चस्तरीय बैठक सुरक्षा स्थिति की गंभीरता और आगामी रणनीतियों पर चर्चा के लिहाज से अहम मानी जा रही है. सर्वदलीय बैठक से पहले अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर मीटिंग कर रहे हैं. ये तीनों केंद्र की तरफ से बैठक का प्रतिनिधित्व करेंगे और विपक्षी नेताओं को सरकार की रणनीति की ब्रीफिंग करेंगे.
विदेश मंत्रालय (MEA) में भी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कई देशों के राजदूतों को तलब किया गया था. इसके मद्देनजर जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन और रूस समेत तमाम देशों के राजदूत साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालय पहुंचे. इन राजनयिकों को पहलगाम आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी जा रही है और भारत की सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया गया.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सभी देशों के राजदूतों को करीब 30 मिनट तक ब्रीफिंग दी. चीनी राजदूत जू फेइहोंग को विदेश मंत्रालय मुख्यालय बुलाया गया था. जानकारी के मुताबिक MEA के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें हमले के पीछे संभावित आतंकी संगठनों, पाकिस्तान की भूमिका और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई.