Featureछत्तीसगढ़

सूचना का अधिकार अधिनियम की पारदर्शिता व कुशल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण

सूचना का अधिकार अधिनियम की पारदर्शिता व कुशल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण

छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन में शासन-प्रशासन के कार्यों को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने हेतु सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, और अवर सचिव के निजी स्थापना में पदस्थ स्टेनो संवर्ग, स्टाफ ऑफिसर, निज सचिव, निज सहायक, शीघ्रलेखक, स्टेनो टायपिस्ट सहित अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण के शुभारंभ पर सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने प्रशिक्षण की आवश्यकता और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के दौर में शासन के नियमों और अधिनियमों की जानकारी सभी शासकीय सेवकों को मिलनी चाहिए। निजी स्टाफ को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 से परिचित कराना जरूरी है ताकि वे शासन-प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता और तेजी से काम कर सकें। अधिनियम के तहत निजी स्टाफ को जन सूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी के नाम और पद की जानकारी होनी चाहिए।

छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग से प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित डॉ. गीता दीवान, अतुल वर्मा, जे. अग्रवाल, और लोकेश ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त होने वाले पत्रों, उनकी कार्यवाही, और जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के दायित्वों और कर्तव्यों पर विस्तार से जानकारी दी। सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव श्रीमती अंशिका ऋषि पाण्डेय ने अधिनियम की विभिन्न धाराओं पर सवाल-जवाब सत्र आयोजित किया और प्रशिक्षणार्थियों से फीडबैक भी प्राप्त किया ताकि भविष्य में प्रशिक्षण को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

प्रशिक्षण सत्र के अंत में देवलाल भारती, अवर सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने राज्य सूचना आयोग के प्रशिक्षकों और सभी उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम हर स्तर पर शासकीय सेवकों को दिए जाने चाहिए ताकि शासन-प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शासन के कार्यों को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना था, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम ने शासन-प्रशासन में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के महत्व को और अधिक उजागर किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button