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मानव और जीवों के अस्तित्व के लिये सबसे महत्वपूर्ण तत्व है जल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मानव और जीवों के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व जल है। जल नहीं होगा तो जीवन मुश्किल में पड़ जाएगा। प्रकृति हमें वर्षा के माध्यम से पर्याप्त जल उपलब्ध कराती है। वर्तमान समय में जल को संरक्षित करना मानव जीवन के लिए महती आवश्यकता बन गया है। हम सब को वर्षा के जल को संग्रहित कर न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ी के सुरक्षित करना होगा। इसके लिए पुरानी जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार और नई जल संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता देना होगी, जिससे जल की एक-एक बूंद को संरक्षित किया जा सके। प्रदेश में इसी उद्देश्य से 30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया है, जो आगामी 30 जून तक जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभियान अंतर्गत जहां एक ओर पुरानी बावडियों और तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, वहीं बड़े पैमाने पर किसानों के खेतों में “खेत तालाब” भी बनाए जा रहे हैं। वर्षा के जल को संग्रहित करने स्टॉपडेम सहित अन्य जल संरचनाओं का निर्माण भी हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभियान की विशेषता यह है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जन-भागीदारी भी व्यापक रूप ले चुकी है।

श्रमदान कर जन-भागीदारी को कर रहे हैं प्रोत्साहित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव अभियान में जन-भागीदारी को प्रोत्साहित करने विभिन्न जिलों में जाकर स्वयं भी श्रमदान कर रहे हैं। मंत्रि-परिषद के सदस्य, सांसद, विधायक, नगरीय एवं पंचायत प्रतिनिधि, जन अभियान परिषद सहित अनेक स्वयं सेवी संस्थाएं भी अभियान का अभिन्न हिस्सा बन कर इसे जन आंदोलन बना रही हैं।

जल गंगा संवर्धन अभियान की विशेषता

30 मार्च से क्षिप्रा के घाट से प्रारंभ हुआ अभियान 30 जून 2025 तक चलेगा।

प्रत्येक गाँव में तैयार किये गये जल दूत।

पुरानी बावडियों एवं जल संरचनाओं का किया जा रहा है जीर्णोद्धार।

किसानों के लिए बनाये जा रहे है “खेत तालाब”।

जल बांध, नहरों एवं जल संरचनाओं का सफाई और सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

जन-भागीदारी को बढ़ाने के लिए जल-पंचायतों का आयोजन।

दीवार-लेखन सहित प्रचार की विभिन्न गतिविधियों से नागरिकों को जल संवर्धन के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

स्कूलों और कॉलेजों में भी जन-जागरूकता की गतिविधिया संचालित हो रही हैं।

जल संरक्षण के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिक श्रमदान भी कर रहे हैं।

अभियान अंतर्गत बड़े पैमाने पर पौध-रोपण भी किया जाएगा।

जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की योजना भी लागू की गई।

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