पोला छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्यौहार है, जानें कैसे और क्यों मनाते है...
पोला का पर्व भादों महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है
छत्तीसगढ़ में इस दिन व्रत रखकर बड़े धूमधाम से यह त्योहार मनाया जाता है
इस दिन नंदी बैल की पूजा की जाती है
इसमें छत्तीसगढ़ के किसान अपने खरीफ फसल की बोवाई और निंदाई का कार्य संपन्न कर बीच में समय निकालकर इस व्रत को करते हैं
खेती में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले जानवर बैल को सम्मान देने के लिए उनकी पूजा करने के लिए इस दिन को मानते हैं
साल भर खेतों में काम करने वाले बैलों को स्नान करवाकर, सजाकर, उनकी तिलक लगाकर पूजा करके और पूरन पोली खिलाकर इसका जश्न मनाया जाता है
इस दिन हर घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं. इन पकवानों को मिट्टी के बर्तन, खिलौने में पूजा करते समय भरते हैं, ताकि बर्तन हमेशा अन्न से भरा रहे