विश्वास प्रेम और समर्पण का प्रतिक त्यौहार तीजा, जाने क्यों मनाया जाता है...
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कई सालों तक कठोर तपस्या की थी
उनकी तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था
मान्यता है कि तभी से हरियाली तीज का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही हैसुहागनें इस दिन उपवास रखकर माता पार्वती और शिव जी से सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं साथ ही महिलाएँ16 श्रृंगार कर पूजा अर्चन करती है
इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और दूसरे दिन पारण के शुभ मुहूर्त में व्रत खोलती है। यह व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है।
यह त्यौहार प्रेम, निष्ठा, समर्पण और विश्वास का प्रतिक माना जाता है
इस त्यौहार के प्रति महिलाओ में बहुत उत्साह देखने को मिलता है वें यह त्यौहार मानानेअपने मायके जाया करती है, मेहंदी रोली लगा कर सोलाह श्रृंगार करती है और पूरी निष्ठा से यह व्रत को विधि विधान के अनुसार संपन्न करती है