Featureछत्तीसगढ़

गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है : टंक राम वर्मा

नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में आज उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा संतोष देवागंन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री श्री वर्मा ने बैठक की शुरुआत में कहा कि राज्य में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है इसके लिए जो भी सुधार की आवश्यकता होगी विभाग सक्षम है और इसे लेकर विभाग को और अधिक सक्रियता एवं जवाबदेही के साथ कार्य करना होगा।

बैठक में मंत्री श्री वर्मा ने विश्वविद्यालयों व संभाग के एक-एक महाविद्यालयों में स्टूडियो निर्माण, सभी महाविद्यालयों में ई-क्लासरूम विकसित करने और विद्यार्थियों के लिए डिजिटल संसाधनों को सुदृढ़ बनाने पर भी विचार-विमर्श किया। प्राचार्यों को निर्देशित किया गया कि वे सभी प्राध्यापकों से व्याख्यान बनाकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएँ ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।

बैठक में महाविद्यालयों में प्राचार्यों एवं प्राध्यापकों तथा समस्त कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य करने हेतु बायोमैट्रिक्स मशीन लगाई जाए तथा समय पर उपस्थित न होने वालो पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के प्राचार्य अकादमिक कैलेंडर का पालन सुनिश्चित करें और समय-सारणी के अनुसार कक्षाओं का संचालन हो। मंत्री श्री वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राचार्य सुबह 10:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक महाविद्यालय में स्वंय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें और कक्षाओं के निरीक्षण की जिम्मेदारी गंभीरता से निभाएँ। उन्होंने एनईपी-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन, एनईपी कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के कार्य को निरंतर जारी रखने तथा अतिथि व्याख्याताओं को एनईपी प्रशिक्षण देने पर जोर दिया। शैक्षणिक गतिविधियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कठोर कार्रवाई के संकेत भी दिए।

मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने न्यायालयीन मामलों में समयबद्ध कार्रवाई न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विलंब के कारण विभाग की छवि प्रभावित हो रही है, अतः ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि विभागीय कार्यों में देरी किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।

उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता को आवश्यक बताते हुए कहा कि इंटरनेट सुविधा, ऑनलाइन शिक्षण सामग्री, तथा नवीन शैक्षणिक संसाधनों को लगातार बेहतर बनाने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि महाविद्यालयों में प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने हेतु प्राचार्यों की वरिष्ठता सूची निर्धारित समय में प्रकाशित करने के साथ-साथ डीपीसी से संबंधित सभी लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाएगा।

बैठक में परीवीक्षा अवधि पूर्ण कर चुके सहायक प्राध्यपकों के परीवीक्षा समाप्ति आदेश 15 कार्य दिवस के भीतर जारी करने के निर्देश भी दिए गए। इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि न मांग, न जांच सेवा नियुक्ति संबंधी आदेश 7 दिनों में जारी किए जाएँ। पीएचडी अनुमति हेतु लंबित प्रकरणों की जांच 15 दिनों में पूर्ण कर स्वीकृति पत्र प्रदान किए जाएँ। वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान जनवरी के प्रथम सप्ताह तक जारी करने के निर्देश दिए।

इसके अतिरिक्त प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची एक सप्ताह के भीतर जारी करने का ओदश दिया। तथा यह भी कहाँ कि वर्ष 2024 की रिव्यू डीपीसी कर प्राध्यापकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति 24 दिसंबर 2025 तक प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्णय लिया गया।  विश्वविद्यालयों में ज्ञानअर्जन पोर्टल लागू करने हेतु निर्देश जारी किए जाए तथा एक टास्क फोर्स गठित की जाए। म्भ्त्डै के तहत प्रदेश के सभी महाविद्यालयों से प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल एवं क्रीड़ाअधिकारियों की समस्त जानकारी जनवरी 2026 तक ऑनलाईन कर दी जाए। बैठक में उच्च शिक्षा को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button