रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल पर राज्य के वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए आवागमन की कठिनाइयों का समाधान किया जा रहा है। इसी क्रम में कबीरधाम जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पंडरिया विकासखंड के कांदावनी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम रूखमीदादर में मिट्टी सड़क सह घाट कटिंग का कार्य किया गया है। इस कार्य से विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के लोगों को रोजगार के साथ-साथ आवागमन की सुविधा भी प्राप्त हो रही है।
लगभग 1 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण कार्य 15 मार्च 2024 को प्रारंभ हुआ और 6 सप्ताह के भीतर इसे पूर्ण कर लिया गया। 10 लाख 18 हजार 7 सौ रुपये की लागत से तैयार इस सड़क ने 461 से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत दी है। इससे पहले ग्रामीणों को पगडंडियों के संकरे और पथरीले रास्तों से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब इस सड़क के बन जाने से ग्रामीणों के लिए बाजार और अन्य स्थानों तक पहुंचना आसान हो गया है। सड़क निर्माण कार्य के दौरान 3613 मानव दिवस का रोजगार सृजन हुआ, जिससे 95 परिवारों के 165 मजदूरों को रोजगार मिला। इसमें 7 लाख 60 हजार 7 सौ रुपये की मजदूरी राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की गई। इस परियोजना से वनांचल क्षेत्र के बैगा समुदाय को न केवल रोजगार का लाभ मिला, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्रामीणों की मांग पर विभिन्न कार्य स्वीकृत किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ-साथ स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण करना है। उन्होंने बताया कि बैगा समुदाय की कठिनाइयों को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे आवागमन की सुविधा में विस्तार हो रहा है। सड़क निर्माण कार्य से खुश ग्रामीणों ने राज्य शासन व स्थानीय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। इस नई सड़क के माध्यम से अब ग्रामीणों को बाजार, स्कूल और अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं तक पहुंचने में आसानी हो रही है। ग्रामीणों का मानना है कि इस परियोजना से उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है।