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भारत में 2019 के बाद बढ़ा लोकतंत्र का स्तर

लोकतंत्र सूचकांक में पाकिस्तान भारी गिरावट के साथ तानाशाही शासन की श्रेणी वाले देशों में पहुंच गया है, जबकि चीन उससे भी पीछे है। 167 देशों की सूची में भारत 41वीं रैंक के साथ खामियों भरे लोकतांत्रिक देशों की श्रेणी में शामिल है।

 

ब्रिटिश समाचारपत्र द इकोनॉमिस्ट के शोध निकाय इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ने शुक्रवार को दुनिया में लोकतंत्र पर अपनी सालाना रिपोर्ट डेमोक्रेसी इंडेक्स पेश की। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2006 में जब से यह रिपोर्ट बननी शुरू हुई है, वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र सबसे निचले स्तर पर है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया की सिर्फ 8 फीसदी आबादी ही ऐसे देशों में रहती है, जहां पूर्ण लोकतंत्र है। जबकि, 40 फीसदी आबादी तानाशाही शासन वाले देशों में रह रही है। रिपोर्ट में देशों को पूर्ण लोकतंत्र, खामियों वाला लोकतंत्र, तानाशाही और हाइब्रिड (न लोकतंत्र, न तानाशाही) की चार श्रेणियों में बांटा गया है।

पाकिस्तान की रैंकिंग 11 पायदान खिसकी
लोकतंत्र सूचकांक की रैंकिंग में पिछले साल (2022) की तुलना में पाकिस्तान 11 पायदान नीचे खिसक कर 118वें स्थान पर पहुंच गया है। खुद को दुनिया का पांचवां बड़ा लोकतंत्र बताने वाले पाकिस्तान का स्कोर 3.25 है, जो तानाशाही श्रेणी में आता है। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से लोकतंत्र मेंे ह्रास के आरोपों के उलट 2019 के बाद से भारत के स्कोर में लगातार वृद्धि हो रही है। सूची में नॉर्वे शीर्ष पर रहा है। इसके बाद न्यूजीलैंड, आइसलैंड व स्वीडन का नंबर आता है।

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