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राज्य में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विष्णु सरकार ने बढ़ाया महत्वपूर्ण कदम, सौर ऊर्जा नीति 2017-2027 में संशोधन का प्रस्ताव अनुमोदित

रायपुर। साय केबिनेट की बैठक में सौर ऊर्जा नीति 2017-2027 में ऊर्जा विभाग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव अनुसार आवश्यक संशोधन का अनुमोदन किया गया। सौर ऊर्जा नीति में संशोधन के तहत् अब “वर्तमान नीति अनुसार सौर ऊर्जा परियोजना विकासकर्ता को आबंटित सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से 24 माह की अवधि में पूर्ण करना अपेक्षित है. जिसे संशोधित कर 36 माह किया गया है।” ऊर्जा विभाग की सौर ऊर्जा नीति 2017-2027 के अंतर्गत राज्य में स्थापित होने वाले सौर ऊर्जा परियोजनाओं को औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के अंतर्गत कोर सेक्टर (स्टील को छोड़कर) उद्योगों के लिए घोषित औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की पात्रता होगी। प्रत्येक सौर ऊर्जा विद्युत परियोजना द्वारा संयंत्र की स्वयं की खपत (ऑग्जलरी खपत) व राज्य के भीतर की गई केप्टिव खपत पर विद्युत शुल्क के भुगतान से छूट रहेगी।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री द्वारा 2030 तक देश में अपरंपरागत ऊर्जा उत्पादन 500 गीगावॉट तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। साय केबिनेट द्वारा छत्तीसगढ़ सौर ऊर्जा नीति के संशोधन के संबंध में लिये गये निर्णय से उक्त लक्ष्य को प्राप्त करने में छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण योगदान हो सकेगा।
केबिनेट द्वारा लिये गये निर्णय पर क्रेडा के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी द्वारा मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए बताया कि उपरोक्त संशोधन से छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को गति मिलेगी। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित किये गये लक्ष्य को शीघ्रता से प्राप्त कर सकेंगे।

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